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15 Sher Ki Kahani | शेर वाली कहानियां

Sher Ki Kahani

Sher Ki Kahani नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हमने यहां पर शेर की कहानी शेयर की हैं। इन Sher Ki Kahani Hindi Mein से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा एवं जीवन में इसकी महत्वत्ता समझ आएगी।

शेर को जंगल का राजा कहा जाता हैं। जंगल में सभी जानवर शेर से डरते हैं। आज की शेर वाली कहानियां आपको बहुत पसंद आने वाली हैं। इस पोस्ट में हमने तरह-तरह के Lion Ki Kahani शेयर की हैं जो पढ़ने में आपको छोटी लगी लेकिन इनके पीछे एक अच्छी सीख मिलेगी। आपको इसे जरूर पढ़ना चाहिए।

1. चूहा और शेर की कहानी (Sher Ki Kahani)

एक समय की बात हैं एक शेर था जो जंगल में राज करता था। एक दिन खाने के बाद वह सो गया। एक छोटे से चूहे ने उसे देखा और सोचा की इसके साथ खेलने में मजा आएगा। वह सोते हुए शेर के नीचे दौड़ने लगा वह उसके पूंछ के ऊपर दौड़ा और पीछलते हुए नीचे आया।

शेर गुस्से में दहाड़ते हुए उठा उसने अपने बड़े पंजों से चूहे को पकड़ लिया, चूहा बहुत छटपटाया पर भाग ना सका। शेर ने उसे खाने के लिए अपने बड़े से दांत निकालें पर चूहा बहुत डर गया था।

चूहा- हे राजा में बहुत डर गया हूं। कृपया मुझे मत खाएं। इस बार मुझे माफ़ कर दीजिए। मैं यह कभी नहीं भूलूंगा और शायद किसी दिन में आपकी मदद करूं। चूहे की मदद करने की बात सुनकर शेर हंसने लगा और उसने अपना पंजा खोला और उसे जाने दिया। चूहा- मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा।

शेर- मैंने अभी खाना खाया हैं अब यहां से जाओ और कभी भी मेरे से पंगा मत लेना वरना मैं तुम्हें भोजन बना लूंगा। कुछ दिनों बाद शेर जंगल में घूम रहा था। शिकारियों ने शेर को पकड़ने के लिए जान बिछाया था। शिकारी पेड़ के पीछे छुपकर शेर का इंतजार कर रहे थे जैसे ही शेर आया शिकारियों ने रस्सी खिंची जिससे शेर जाल में फस गया।

कुछ दिनों बाद शेर जंगल में घूम रहा था। शिकारियों ने शेर को पकड़ने के लिए जान बिछाया था। शिकारी पेड़ के पीछे छुपकर शेर का इंतजार कर रहे थे जैसे ही शेर आया शिकारियों ने रस्सी खिंची जिससे शेर जाल में फस गया।

चूहा- राजा मुश्किल में हैं मुझे उसकी मदद करनी होगी। जल्द ही वह शेर के पास पहुंच गया और जाल के ऊपर चढ़कर अपने तेज दांतों से रस्सी को कुतरने लगा। आखिर में उसने शेर को जाल से छुड़ा लिया‌‌। शेर को तब पता चला कि एक छोटा सा चूहा भी बहुत मदद कर सकते हैं।

शेर- धन्यवाद चूहे, मैं कभी भी तुम्हें तंग नहीं करूंगा। खुशी से जंगल में रहो तुमने राजा की जान बचाई हैं। अब तम इस जंगल के राजकुमार हो। इसके बाद शेर और चूहा हमेशा के लिए दोस्त बन गए।

Best Sher Ki Kahani

2. गाय और शेर की कहानी (Sher Ki Kahani Hindi Mein)

एक पहाड़ के नीचे नामगढ़ नाम का गांव था। गांव के सभी जानवर हरी घास खाने के लिए सुबह उसी पहाड़ी के जंगल में जाते और शाम होते-होते घर वापस आ जाते थे। हर दिन की तरह लक्ष्मी नाम की गाय उसी पहाड़ी के नीचे घास खाने के लिए गए थी। वह हरी घास खाने में इतनी ज्यादा प्रसन्न थी की वह कब एक शेर के गुफा के पास पहुंच गई उसे पता भी नहीं चला‌। शेर अपनी गुफा में सो रहा था और पिछले दो दिनों से वह भूखा भी था‌।

जैसे ही लक्ष्मी गुफा के पास पहुंची गाय की खुशबू से शेर की नींद खुल गई‌। वह शेर धीरे-धीरे गुफा से बाहर आया और गुफा के बाहर गाय देखकर खुश हो गया। शेर ने मन ही मन सोचा की आज उसकी बहुत दिनों की भूख मिट जाएगी। वह इस तंदुरुस्त गाय का मांस खाएगा और यह सोचकर उसने एक तेज दहाड़ लगाई।

लक्ष्मी शेर की दहाड़ सुनकर डर जाती हैं। जब वह अपने आस पास देखती हैं तो उसे दूर-दूर तक कोई दूसरी गाय नहीं दिखीं। जब वह हिम्मत करके पीछे मुड़ी तो उसे सामने शेर खड़ा हुआ दिखाई दिया। शेर ने लक्ष्मी को देखकर फिर से दहाड़ लगाई हैं और लक्ष्मी से कहां, शेर- मुझे दो दिनों से कोई भी शिकार नहीं मिल रहा था। मैं भूखा था शायद इसलिए भगवान ने मेरा पेट भरने के लिए तुम्हें मेरा यहां पर भेजा हैं। आज में तुझे खाकर अपनी भूख मिटा लूंगा।

शेर की बात सुनकर लक्ष्मी डर जाती हैं‌। वह रोते हुए शेर हूं कहतीं हैं, लक्ष्मी- मुझे जाने दों , मुझे मत खाऊं, मेरा एक छोटा बच्चा हैं जो अभी सिर्फ मेरा ही दूध पिया हैं और उसे घास खाना अभी तक नहीं आया हैं।

लक्ष्मी की बात सुनकर हंसते हुए कहता हैं, शेर- तो क्या मैं अपने हाथ में आएं शिकार को ऐसे ही जाने ही दूं। मैं तो तुझे आज खाकर अपनी दो दिनों की भूख मिटाऊंगा। शेर के ऐसे कहने पर लक्ष्मी रोने लगी और बिनती करती हुई कहती हैं कि, गाय- आज मुझे जाने दों, आज में आख़िरी बार बच्चे को दूध पिला दूंगी और उसे बहुत सारा प्यार करके कल सुबह होते ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी। फिर तुम मुझे खां लेना और अपना भूखा पेट भर लेना।

शेर लक्ष्मी की यह बात मान जाता हैं और धमकी देकर यह कहता हैं शेर- अगर तो कल नहीं आई तो मैं तेरे गांव आऊंगा और तुझे और तेरे बच्चे को खा जाऊंगा। लक्ष्मी शेर की यह बात सुनकर खुश हो जाती हैं और शेर को वचन देकर गांव वापस चली जाती हैं।

वहां से वह सीधे अपने बच्चे के पास जाती हैं और उसे दूध पिलाती हैं एवं बहुत सारा प्यार करती हैं। फिर बच्चे को शेर के साथ हुई सारी घटना को बताती हैं फिर बोलतीं हैं उसे अब अपना ध्यान खुद ही रखना होगा। वह कल सुबह होते ही अपना वचन पूरा करने के लिए शेर के पास चली जाएगी।

अपनी माँ की बातें सुनकर बच्चा रोने लगता हैं। दूसरे दिन सुबह होते ही लक्ष्मी जंगल की तरह निकल जाती हैं और शेर की गुफा में पहुंचकर शेर से कहती हैं, लक्ष्मी- अपनी वजन के अनुसार मैं तुम्हारे पास आ गई हूं। अब तुम मुझे खां सकते हों।.

गाय की आवाज सुनकर शेर अपनी गुफा से बाहर आता हैं और भगवान के अवतार में प्रकट होते हैं। वह लक्ष्मी से कहते हैं कि मैं तो बस तुम्हारी परीक्षा ले रहा था। तुम अपनी वचन की पक्की हो मैं इससे बहुत प्रसन्न हुआ तुम अब अपने बच्चे के पास वापस जा सकती हो। इसके बाद वह उस गाय को गौमाता होने का वरदान भी देते हैं और उसी दिन से सभी गाय को गौमाता कहने लग जाते हैं।

सीख- हमें जान की बाजी लगाते हुएं अपने दिए हुए वचन को पूरा करना चाहिए।

3. मूर्ख शेर की कहानी (Best Sher Ki Kahani)

बहुत दिनों की पुरानी बात है की विजयनगर में बहुत ही बड़ा जंगल था और उस जंगल में एक शेर रहता था। शेर को भूख लगी थी। वह खाने की तलाश में जंगल में घूम रहा था। घूमते-घूमते वह शेर एक पिंजरे में फंस गया था। शेर ने पिंजरे से छुटने की बहुत कोशिश की लेकिन वह कुछ नहीं कर पाया। शेर थक गया था क्योंकि उसे बहुत भूख भी लगी थी।

शेर अकेला था इसलिए उसका मनोबल टूटने लगा। उसने हार मानने का सोच लिया वह यह सोचने लगा कि अब वह कभी भी इस पिंजरे से बाहर नहीं निकल पाएगा। थका हुआ शेर सो गया ऐसे ही रात बीत जाता हैं।

अगले दिन सुबह एक आदमी जंगल से उस रास्ते से जा रहा था शेर ने उसे दूर से आते देखा। शेर को लग की शायद अब उसे पिंजरे से निकलने का मौका मिल जाएगा। वह आदमी पिंजरे के पास आया। आदमी को पास आते देखकर शेर ने कहां, शेर- ओ भाई, मुरी थोड़ा मदद कर दों इस पिंजरे का दरवाजा खोल दों।

शेर की बात सुनकर वह आदमी बहुत ज्यादा डर जाता हैं और शेर की मदद करने से इंकार कर देता हैं। शेर- मैं तुम्हें वचन देता हूं मैं तुम्हें नहीं खाऊंगा। आज से मैं तुम्हारा दोस्त बन जाऊंगा। इसी बात पर आदमी को शेर पर भरोसा आ गया तब उसने शेर से कहां, आदमी- ठीक हैं खोल देता हूं। लेकिन अपना वचन याद रखना। तब वह आदमी पिंजरे का दरवाजा खोल देता हैं। उसके बाद शेर बाहर निकला और अपनी वचन के बारे में तुरंत सब भूल गया।

शेर की भूख ओर भी ज्यादा बढ़ गई। वह उस आदमी को खाना चाहता था। आदमी यह देखकर रोने लगा अब उसे अहसास हुआ कि उसने शेर को विश्वास करके बहुत बड़ी गलती कर दी। वह परेशान हो गया और अपनी जान बचाने का तरीका सोचने लगा।

तब शेर ने सुझाव दिया कि वह उनके आपस के मामले को किसी न्यायधीश के सामने पेश करेगा‌। उसी समय वहां से एक चालाक लोमड़ी गुजर रहा था। जिसने शेर और आदमी को गंभीर परिस्थिति में देखा तब वह उनके पास गया और कहां क्या हुआ हैं दोस्तों परिस्थिति गंभीर क्यों लग रहा हैं।

तब आदमी ने लोमड़ी को सबकुछ बताया और उनके समस्या का हल करने को कहां, लोमड़ी ने सारी बात सुनकर उन दोनों से कहां, लोमड़ी- रूको, रूको तुम दोनों क बात मुझे समझ नहीं आ रही हैं। तुम जो बोल रही हो तुम करके दिखाओ।

शेर बहुत उत्सुक से आगे आया यह दिखाने के लिए आखिरकार हुआ क्या था। जल्दी से वह पिंजरे के अंदर चला गया वैसे ही आदमी ने तुरंत पिंजरे को बंद कर दिया और वहां से भाग गया और शेर को उसके कर्मों का सबक मिल गया।

सीख- ग़लत काम का हमेशा ग़लत ही नतीजा मिलता हैं।

Sher Ki Kahani Story

4.खरगोश और  शेर की कहानी (Sher Ki Kahani Story)

यह बहुत पहले की बात हैं एक जंगल में सारे जानवर मिल-जुलकर आजाद रहते थे। ऐसे में उस जंगल में एक बूढ़ा शेर आया और सारे जानवरों को अपनी मर्जी से खाकर मारने लगा।

इससे परेशान होकर सभी जानवरों ने एक निर्णय लिया और शेर से मिलने गए। खरगोश– इन जंगलों के सभी जानवरों ने एक निर्णय लिया हैं। शेर- कैसा निर्णय? खरगोश- हम से हर रोज एक जानवर आपका भोजन बनकर आएगा। शेर- नहीं, मैं क्यों तुम्हारी बात मानूं।

ऐसे ही चलता रहा तो थोड़ी ही दिनों में हम सब मर जाएंगे। फिर आपको खाना नहीं मिलेगा। अब आप बूढ़े हो गए हैं आपको शिकार भी नहीं कर सकते। सारे जानवरों की फरियाद सुनकर शेर ने कहां- ठीक हैं। अब हर रोज एक जानवर शेर का भोजन बनकर जाने लगा।

एक दिन खरगोश की बारी आई। खरगोश नियमित समय पर ना जाकर जानबूझकर देर करने लगा। शेर- इतनी देर क्यों, तुम्हें खाने से अब भूख भी नहीं मरेगी। खरगोश- मेरे साथ एक ओर जानवर भी आया लेकिन रास्ते में उसे एक ओर शेर ने खां डाला।

शेर- इस जंगल में मुझसे बलवान शेर हैं कोई क्या मुझे दिखाओ। खरगोश – आइए महाराज। खरगोश शेर को एक कुएं के पास ले गया और बोला महाराज वह शेर इस कुएं के अंदर छिपा हैं। शेर उस कुएं पर छांका तो वहां उसे अपनी ही प्रतिबिम्ब दिखाई दिया।

उसे दूसरा शेर समझकर शेर उसे मारने के लिए उसे कुएं पर कूद पड़ा। लेकिन वह कुएं से निकल नहीं पाया और पानी में डूबकर वहीं मर गया। खरगोश ने अपनी चतुराई से शेर से सभी जानवरों को छुटकारा दिलाया।

5. आलसी शेर की कहानी (Lion Story in Hindi)

जंगल में एक बूढ़ा शेर रहता था। बूढ़ापे के कारण उसका शरीर जवाब देने लगा था। उसके दांत और पंजे कमजोर हो गए थे। उसके शरीर में पहले जैसी शक्ति और फुर्ती नहीं बची थी। ऐसी हालात में उसके लिए शिकार करना नामुमकिन हो गया था। वह दिन भर भटकता तब कहीं कोई छोटा जीव शिकार कर पाता।

उसके दिन ऐसे ही बीत रहे थें। एक दिन वह शिकार की तलाश में भटक रहा था। पूरा दिन निकल जाने के बाद भी उसके हाथ कोई शिकार ना लगा। चलते-चलते वह एक नदी के पास पहुंचा और पानी पीकर सुस्ताने के लिए वहीं बैठ गया।

वह वहां बैठा ही था कि उसकी दृष्टि एक चमकतीं चीज़ पर पड़ी पास जाकर उसके देखा तो वह एक सोने का कंगन था। सोने का कंगन देखते ही उसके दिमाग पर शिकार को जाल में फंसने का एक उपाय सूझ गया।

वह सोने का कंगन हर आते-जाते राहगीर को दिखाता और उसे यह कहकर अपने पास बुलाता मुझे यह सोने का कंगन मिला हैं। मैं इसका क्या करूंगा, मेरे जीवन के कुछ भी दिन शेष हैं सोचता हूं इसका दान कर कुछ पुण्य कमा लूं। ताकि मरने के बाद मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो। मेरे पास आऊं और यह कंगन ले लो। शेर जैसे खतरनाक जानवर का कौन विश्वास करता।

कोई उसके पास नहीं आया और दूर से ही भाग खड़ा हुआ। बहुत देर हो गई और कोई उसके कंगन के पास नहीं आया। शेर को लगा कि उसका उपाय काम नहीं करने वाला हैं।

तभी नदी की दूसरी ओर उसे एक राहगीर दिखाई पड़ा शेर सोने का कंगन हिलाते हुए जोर से चिलाया , ” मैं यह सोने का कंगन दान कर रहा हूं। क्या आप इसे लेकर मेरी पुण्य प्राप्ति में सहारा करेंगे।

शेर की बात सुनकर राहगीर रूक गया‌। सोने की कंगन को देख उसका मन ललचाया। किंतु उसे शेर का भी डर था। वह बोली तुम एक ख़तरनाक जीव मैं तुम्हारा विश्वास कैसे कर लूं। तुम मुझे मार के खा गए तो।

इसपर शेर बोला, अपने युवा काल में मैंने बहुत शिकार किया हैं। लेकिन अब मैं बूढ़ा हो चुका हूं मैंने शिकार करना छोड़ दिया हैं। मैं पूरी तरह शाकाहारी हो चुका हूं बस मैं अब पुण्य कमाना चाहता हूं। आऊं मेरे पास आकर यह कंगन ले लो।

राहगीर सोच में पड़ गया लेकिन लालच उसकी बुद्धि भ्रष्ट कर चुका था। शेर तक पहुंचने के लिए उसने नदी में छलांग लगा दी। वह तैरते-तैरते नदी की दूसरी ओर पहुंचने ही वाला था की उसका पैर कीचड़ में धंस गया।

वहां एक दल-दल था। वहां से वह जितना निकलने की कोशिश करता उतना ही फंसता चला जाता। खुद को बचाने के लिए उसने शेर को आवाज लगाई। शेर तो इसे मौके के तलाश पर था।

उसने राहगीर को दबोच कर दलदल से बाहर खींच लिया और उसके सोचने समझने से पहले ही उसका सीना चीर दिया। इस तरह सोने की लालच में राहगीर ने अपनी जान गंवा दी।

सीख- लालच बुरी बला हैं।

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6. हाथी और शेर की कहानी (Sher Wali Kahani)

एक जंगल में एक शेर था।‌ शेर को बहुत भूख लग रही थी। शेर ने हिरण को देखा उसे मारकर खाया। उस समय शेर के गले में हिरण कि हड्डी फंस गई। शेर उसे निकाल नहीं पा रहा था।

उसे बहुत दर्द हो रहा थी जिसके वजह से शेर जंगल में मदद के लिए इधर-उधर घूम रहा था। शेर को मोरनी नज़र आई। शेर ने कहां की – मेरे गले में हड्डी फंस गई हैं तुम उसे कृपया निकाल दों। मोरनी ने कहां- ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता इस बहाने से तुम मुझे खाना चाहते होना। तुम यहां से चले जाओ।

शेर मायूस होकर वहां से चला गया। इतने में उसे एक भालू नज़र आया। शेर भालू के पास गया और कहने लगा- मेरे गले में हड्डी फंस गई मेहरबानी करके उसे बाहर निकाल दों। भालू ने कहां- मैं बहुत थक गया हूं, मुझे बहुत नींद आ रही हैं। तुम यहां से जाओ।

अपना मुंह लटकाते हुए शेर वहां से आगे बढ़ा। इतने में उसे एक हाथी नज़र आया। हाथी आम के पेड़ के नीचे था। उसे बहुत भूख लगी थी वह आम खाना चाहता था। आम पेड़ के ऊपर वाली टहनियों में था जहां उसका सूंड़ नहीं पहुंच पा रहा था।

हाथी ने बहुत कोशिश करी पर फल नहीं तोड़ पाया जिससे वह काफी मायूस हो गया‌। इतने में शेर ने हाथी को देखा और कहने लगा मैं तुम्हारी मदद करूंगा लेकिन उससे पहले तुम्हें मेरी मदद करनी पड़ेगी।

हाथी यह सुनकर कहने लगा मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूं। शेर ने कहां- मेरे गले में हड्डी फंस गई हैं मेहरबानी करके उसे निकाल दों। फिर मैं तुम्हारी जरूर मदद करूंगा।

हाथी इसके लिए राजी हो गया और अपने सूंड से शेर के गले में से अपनी हड्डी को बाहर निकाल दिया। शेर का दर्द कम हो गया और बहुत खुश हुआ। इसी के साथ वह आम के पेड़ के ऊपर चढ़ गया वहां से फल तोड़कर हाथी को देने लगा।

हाथी आम के फलों को खाया जिससे उसका भूख मिट गया और वह भी बहुत खुश हुआ। उस दिन से हाथी और शेर अच्छे मित्र बन गए।

सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं की कोई भी मुसीबत हमें बोलकर नहीं आती। इसलिए हमें सभी से मिल जुलकर रहना चाहिए।

7. Sher Ki Kahani Video


हम आशा करते हैं हमारे द्वारा दी गई Sher Ki Kahani  पढ़कर आपको जरूर मजा आया होगा‌। यह Lion Story in Hindi, Sher Ki Kahani Story और | शेर वाली कहानियां न केवल बच्चों को पढ़ने में अच्छी लगती है बल्कि यह बड़े लोगों के मनोरंजन का साधन भी बनती है और हमें अपना गुजरा हुआ कल याद दिलाती है। यदि आपको यह कहानियां पसंद आयी हो तो आप हमकों इसके बारे में नीचे Comment भी कर सकते हैं।


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